एसआईटी करेगी राकेश शर्मा पर दर्ज केस की जांच, शर्मा पर लगे थे भ्रष्टाचार और वोटों की खरीद-फरोख्त के आरोप, कुछ नेताओं के बैंक खाते भी खंगाल सकती है एसआईटी
शिमला: हिमाचल प्रदेश में राज्य सभा सीट के लिए की गई क्रॉस वोटिंग के मामले में उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा के खिलाफ दर्ज केस की जांच एसआईटी करेगी। बीजेपी, कांग्रेस के कुछ नेताओं के बैंक खातों की जांच भी एसआईटी कर सकती है। कांग्रेस के दो विधायकों ने राकेश शर्मा और निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
आशीष शर्मा हमीरपुर से निर्दलीय विधायक और राकेश शर्मा कांग्रेस सरकार में मुख्य सचिव रह चुके हैं। हिमाचल प्रदेश में राज्य सभा सीट के लिए की गई क्रॉस वोटिंग का मामला उजागर होने के बाद रविवार को मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) संजय अवस्थी और विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने शिमला के बालूगंज थाने में राकेश शर्मा और आशीष शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि राकेश शर्मा और आशीष शर्मा ने भाजपा विधायकों के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा और वोटों की खरीद फरोख्त की। कांग्रेस के बागी नेताओं के होटलों में रहने की व्यवस्था करने, और बागी विधायकों को हेलीकाप्टर से ले जाने के आरोप भी शर्मा पर लगाये गए।
कुछ नेताओं के बैंक खातों की हो सकती है जांच
इस पूरे मामले में जहां कांग्रेस विधायकों ने शर्मा पर करोड़ों के लेनदेन का आरोप लगाया है वहीं कांग्रेस व बीजेपी के कुछ नेताओं के भी इसमें शामिल होने का दावा किया है। उन्होंने सभी के बैंक खातों की जांच की मांग की है। और दावा किया है कि इसके सबूत भी उनके पास हैं। जिसके चलते एसआईटी कुछ बैंक खातों की भी जांच कर सकती है।
झूठी प्राथमिकी दर्ज कराई गई: आशीष शर्मा
इस पूरे मामले में निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा का कहना है कि संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ ने उनके खिलाफ झूठी प्राथमिकी दर्ज कर उनकी छवि खराब करने का प्रयास किया है। वह दोनों नेताओं पर 50-50 करोड़ रुपये का मानहानि का केस करेंगे। उन पर झूठा केस कराने में लिप्त अधिकारी भी कोर्ट में जवाबदेह रहेंगे।
झूठे आरोप लगाने वालों पर करेंगे मानहानि का दावा: राकेश शर्मा
कांग्रेस विधायकों द्वारा अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को लेकर उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा का कहना है कि उन पर दर्ज केस झूठ का पुलिंदा है। उन्होंने प्राथमिकी की कापी मांगी है, जो अभी तक उन्हें नहीं मिली हैं। कापी मिलने के बाद उचित जवाब दिया जाएगा। जिन लोगों ने उनकी छवि खराब करने के लिए प्राथमिकी दर्ज कराई है, उनके खिलाफ मानहानि का दावा किया जाएगा।
एएसपी के नेतृत्व में गठित हुई एसआईटी
मामले की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव गांधी ने एएसपी नवदीप के नेतृत्व में चार सदस्यीय एसआइटी बनाकर जांच सौंप दी है। एसआईटी राज्यसभा चुनाव में मतदान के दौरान विधानसभा तक अयोग्य घोषित व निर्दलीय विधायकों को लाने और यहां से ले जाने की सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।
।