राजकोट अग्निकांड अपडेट: मौत की शर्तों पर चल रहा था गेम जोन, हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
Rajkot Game Zone Fire Updates: गुजरात, राजकोट अग्निकांड मामले में एक चौकाने वाली बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि यहां गेम जोन में आने वाले लोगों से पहले शर्त रखी जाती थी। इसके लिए बाकायदा एक फॉर्म पर हस्ताक्षर लिए जाते थे। जिसमें लिखा होता था कि ‘अगर कस्टमर को कुछ भी हो तो गेमिंग जोन जिम्मेदार नहीं होगा; अब इस मामले में गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) ने स्वत: संज्ञान लिया है।
गुजरात के राजकोट में एक गेमिंग जोन में भीषण आग लगने से 9 बच्चों समेत 27 लोगों की मौत हो गई थी। मामले में हाई कोर्ट में जस्टिस बीरेन वैष्णव और जस्टिस देवेन देसाई की स्पेशल बेंच ने इस हादसे को मानव निर्मित (Man Made Disaster) आपदा बताया। कोर्ट ने कहा है कि गेमिंग जोन को बनाने और मैनेज करने के लिए नियमित और उचित नियमों का पालन नहीं किया गया।
कोर्ट ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट नगर निगम से मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है। कोर्ट ने कहा, उन्हें बताना होगा कि किस कानून के प्रावधान के तहत इस गेमिंग जोन को संचालित करने की परमिशन दी गई। मामले में अगली सुनवाई 27 मई को होगी। राज्य सरकार और सभी नगर निगमों को तलब किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, TRP गेमिंग जोन में खेलने जाने वाले तमाम लोगों से पहले शर्तों वाला एक फॉर्म भरवाया जाता था। जिस पर लिखा था,
मैं सभी खतरों और जोखिमों और उनके परिणामस्वरूप होने वाली गंभीर शारीरिक चोट, मौत, संपत्ति की क्षति या हानि की संभावनाओं को स्वतंत्र रूप से स्वीकार करता हूं। मैं स्वेच्छा से मुझे या मेरी किसी भी संपत्ति को होने वाले नुकसान, क्षति और चोट के रिस्क को स्वीकार करता हूं जिसमें मौत भी शामिल है।
जानकारी के अनुसार गेमिंग जोन को फायर विभाग की ओर से NOC नहीं मिला था। यह भी खुलासा हुआ है कि हादसे के समय गेम जोन में जनरेटर के लिए 1500 से 2000 लीटर डीजल और गो कार रेसिंग के लिए 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल रखा हुआ था। इसके चलते आग तेजी से फैली और पूरे गेम जोन को चपेट में ले लिया। गेम जोन में जाने और बाहर निकलने के लिए सिर्फ 6 से 7 फीट का एक ही रास्ता था। फिलहाल पुलिस ने TRP गेमिंग जोन के मालिक और मैनेजर समेत छह लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में FIR दर्ज की है।