राजनीति

कांग्रेस हाईकमान मौन, प्रत्याशी बेचैन, उत्तराखंड में किस सीट पर किस को मिलेगा मौका, पांच लोकसभा सीट पर होनी है प्रत्याशियों की घोषणा

देहरादून: उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा को लेकर कांग्रेस हाईकमान अभी तक मौन हैं, लेकिन प्रत्याशी बेचैन हैं की आखिर किस सीट पर किस को मौका मिलेगा। फिलहाल उत्तराखंड की सभी पांच सीट के लिए आज प्रत्याशियों के नाम की घोषणा होने की उम्मीद जताई जा रही है।

कांग्रेस ने केंद्रीय चुनाव समिति की पहली बैठक में 39 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की थी। आज केंद्रीय चुनाव समिति की दूसरी बैठक में कांग्रेस कई राज्यों के साथ ही उत्तराखंड लोकसभा सीटों के लिए भी नामों की घोषणा कर सकती है। उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों की दावेदारी की स्तिथि देखें तो हरिद्वार में हरक सिंह रावत और पूर्व सीएम हरीश रावत का नाम आगे है। लेकिन प्रदेश अध्यक्ष करन सिंह महरा भी यहां से प्रबल दावेदार हैं। इसके अलावा हरीश रावत ने अपने बेटे आनंद रावत के लिए भी टिकट की सिफारिश की है।

पौड़ी गढ़वाल सीट से वरिष्ठ उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल की मजबूत दावेदारी है, लेकिन महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला को भी शीर्ष नेतृत्व मैदान में उतार सकता है।

टिहरी सीट से वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह और जोत सिंह गुनसोला मजबूत दावेदार हैं साथ ही विक्रम सिंह नेगी, नवीन जोशी और दीपक ब्लिजवान भी दावा कर रहे हैं।

अल्मोड़ा में शीर्ष नेतृत्व नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या पर दांव लगाना चाहता है। लेकिन फिलहाल चुनाव लड़ने को लेकर आर्य का इंकार है। ऐसे में प्रदीप टम्टा ही दावेदार माने जा रहे हैं।

नैनीताल सीट से रंजीत रावत प्रबल दावेदार हैं। लेकिन भुवन कापड़ी और दीपक बलुटिया का नाम भी चर्चा में है।

कांग्रेस की गलत फील्डिंग, बन सकती है भाजपा की हैट्रिक
नेताओं की बगावत के कारण कांग्रेस अभी राजनीतिक संकट से जूझ रही है। ऐसे में अगर कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की पिच पर गलत फील्डिंग लगाई तो भाजपा के लिए जीत की हैट्रिक बन सकती है।
2014 लोकसभा चुनाव में हरिद्वार लोकसभा सीट से भाजपा ने कांग्रेस की रेणुका रावत को हराया था। पौड़ी से कांग्रेस के हरक सिंह रावत हारे थे। टिहरी से साकेत बहुगुणा को हार मिली थी। अल्मोड़ा से कांग्रेस के प्रदीप टम्टा हारे, नैनीतील से केसी सिंह बाबा पराजित हुवे थे।

2019 में भी रहा भाजपा का कब्जा
2019 लोकसभा चुनाव में नैनीताल लोकसभा सीट से कांग्रेस के हरीश रावत हारे। हरिद्वार से कांग्रेस के अंबरीश कुमार को चुनाव हारना पड़ा। अल्मोड़ा से कांग्रेस के प्रदीप टम्टा को हार मिली। पौड़ी से कांग्रेस के मनीष खंडूरी चुनाव हारे। टिहरी से कांग्रेस के प्रीतम सिंह को हार का सामना करना पड़ा। अब 2024 में भी अगर भाजपा सभी सीट पर कब्जा जमाती है तो यह उसकी जीत की हैट्रिक होगी।

उत्तराखंड में पिछले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का मतदान प्रतिशत
वर्ष     –   कुल मतदान     –   कांग्रेस
2004   –    48.07            –  38.31
2009   –    53.43            –   43.13
2014   –     61.67           –    34
2019    –     61.50          –   31.40

बगावत भी रही कांग्रेस की कमजोरी का कारण
उत्तराखंड में कांग्रेस की कमजोरी का कारण समय-समय पर पार्टी नेताओं की बगावत भी रही है। 2016 में कांग्रेस के हरक सिंह रावत, विजय बहुगुणा, रेखा आर्य, अमृता रावत, शैलेंद्र मोहन, कुंवर प्रणव सिंह, सुबोध उनियाल, प्रदीप बत्रा, शैला रानी रावत और उमेश शर्मा ने पार्टी छोड़ी।
कुछ समय बाद हरक सिंह रावत की घर वापसी हो गई है। वर्ष 2017 में यशपाल आर्य ने बगावत की और अपने बेटे के साथ बीजेपी में शामिल हो गए। साल 2022 विधानसभा चुनाव से पहले उनकी भी कांग्रेस में वापसी हो गई। 2022 में चुनाव से पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे किशोर उपाध्याय ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया। अब इस लोकसभा चुनाव से पहले भी कांग्रेस में बगावत का सिलसिला जारी है। हाल ही में कांग्रेस से पूर्व विधायक शैलेंद्र रावत ने पार्टी से इस्तीफा दिया। वरिष्ठ नेता अशोक वर्मा भी चुनाव से पहले पार्टी छोड़ गए। फिर मनीष खंडूडी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। और अब कांग्रेस की प्रदेश महासचिव व रुद्रप्रयाग की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा ने भी कांग्रेस को बगावत का जख्म देकर पार्टी का दामन छोड़ दिया।

धन सिंह बिष्ट

धन सिंह बिष्ट संपादक – दैनिक वार्ता +91 9720246373

error: Content is protected !!