हिमाचल में हुई क्रॉस वोटिंग मामले में उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव के खिलाफ मुकदमा, भ्रष्टाचार और वोटों की खरीद-फरोख्त का आरोप, कांग्रेस विधायकों ने दर्ज कराया केस
शिमला: हिमाचल प्रदेश में राज्य सभा सीट के लिए की गई क्रॉस वोटिंग के मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। इस प्रकरण में शिमला पुलिस ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। कांग्रेस विधायक भुवनेश्वर गौड़ और संजय अवस्थी की तरफ से राकेश शर्मा के खिलाफ यह प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है।
राकेश शर्मा, हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा व कांग्रेस के अयोग्य घोषित गए विधायक चैतन्य शर्मा के पिता हैं। राकेश शर्मा पर राज्यसभा चुनाव में वोटों की खरीद-फरोख्त करने और करोड़ों के लेन देन के आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही गैर कानूनी तरीके से सरकार गिराने का षड्यंत्र रचने के आरोप भी शर्मा पर लगे हैं। शिकायत में उन पर विधायकों के पांच से सात सितारा होटलों में रहने की व्यवस्था करने और हेलीकॉप्टर से बागी विधायकों को ले जाने के भी आरोप लगाए हैं। पुलिस थाना बालूगंज में राकेश शर्मा के खिला मुकदमा दर्ज किया गया है।
एसपी शिमला ने बताया कि शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं, राकेश शर्मा ने कहा कि यह सब राजनीतिक दबाव बनाने का प्रयास है। मैं किसी दबाव में आने वाला नहीं। इस तरह की कई एफआइआर सेवाकाल में देखी हैं।
कांग्रेस सरकार में मुख्य सचिव रहे थे शर्मा
राकेश शर्मा 2013 से 2016 तक उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार में मुख्य सचिव रहे। कुछ समय पहले राकेश शर्मा को लेकर एक गर्म चर्चा भी शुरू हुई थी कि वह रिटायरमेंट के तत्काल बाद उत्तराखंड की किच्छा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। इसी दौरान एक और चर्चा जोर-शोर से उठी की राकेश शर्मा भाजपा में शामिल होकर चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं। अपने कार्यकाल के दौरान भी राकेश शर्मा सुर्खियों में बने रहे थे।