अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: उत्तराखंड की स्मृति ने मेहनत से तय किया मायानगरी तक का सफर, मॉडलिंग में बनाई पहचान
सिविल सर्विसेज की पढ़ाई छोड़कर माडलिंग तक का सफर तय करना कोई आसान नहीं था, लेकिन कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय से आज स्मृति इस मुकाम पर हैं कि जिससे हर उत्तराखंडी को गर्व महसूस हो। चैनेल वी के रिएलिटी टीवी शो मेगा मॉडल ग्लैडरैग्स में अपनी कला और प्रतिभा का बखूबी परिचय दे चुकी स्मृति अभी कई शो और माडलिंग इवेंट कर रही हैं।
फिल्म और माडलिंग की दुनिया में उत्तराखंड के कई सितारे अपनी चमक बिखेर रहे हैं। उन्हीं में एक नाम नौगांव विकासखंड की स्मृति सिलवाल का भी है। उत्तरकाशी के छोटे से गांव नौगांव निवासी स्मृति के लिए माडलिंग की दुनिया का सफर आसान नहीं था। लेकिन, यदि प्रतिभा हो तो तमाम अभाव और परेशानियों को मात दी जा सकती है और इस बात को स्मृति ने सही साबित करके दिखाया है। एक सामान्य परिवार से होने के बावजूद आज स्मृति माडलिंग और एक्टिंग के क्षेत्र में मजबूत इरादों और हौसलों के साथ अपनी एक अलग पहचान बना चुकी हैं। स्मृति मल्टी मीडिया डाट काम सोसाइटी आर्गनाजेशन की ब्रांड एंबेसडर भी हैं। यह संस्था स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण व यातायात संबंधी जागरूकता के लिए कार्य करती है। इसके अलावा वह मुंबई में वह जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य व भोजन संबंधी आवश्यकताएं पूरी कर समाजसेवा भी कर रही हैं। मुंबई में एक थिएटर ग्रुप से जुड़ी स्मृति ने ‘अपने-अपने दांव प्ले में अहम भृूमिका निभाई है। इसके अलावा चैनेल वी के रिएलिटी टीवी शो मेगा मॉडल ग्लैडरैग्स में अपनी कला और प्रतिभा का परिचय बखूबी दे चुकी हैं। अभिनेता जॉन अब्राहम, डिनो मौर्या व अभिनेत्री कंगना रनौत को स्टार बनाने वाली ग्लैडरैग्स अकेडमी में स्मृति के ब्यूटी विद ब्रेन को खूब सराहा गया। इसके अलावा वह अब तक कई बै्रंड्स के लिए भी काम कर चुकी हैं। बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली स्मृति की माता अरुणा व पिता बाबूराम सिलवाल हैं। खास बात यह है कि चार भाई बहनों में अलग करने की ख्वाहिश लेकर स्मृति ने हौसलों के दम पर ग्लैमर जगत में कदम रखा। दिल्ली में सिविल सर्विसेज की पढ़ाई छोड़कर माडलिंग व फिल्म इंडस्ट्री को चुना।
माडलिंग की दुनिया में कदम रखना आसान नहीं
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर स्मृति ने कहा कि उत्तराखंड की महिलाओं का इतिहास हमेशा से गौरवशाली रहा है। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें देवभूमि में जन्म लेने का मौका मिला। स्मृति ने कहा कि पहाड़ से निकलकर ग्लैमर की दुनिया में कदम रखना उनके लिए बिल्कुल आसान नहीं था। उन्होंने बताया कि जब वह मुंंबई गई तो माडलिंग के बारे में उन्हें गाइड करने वाला कोई नहीं था, लेकिन आत्मविश्वास व बुलंद हौसलों ने हमेशा से ही उनका मार्गदर्शन किया है।