सावधान; कॉटन कैंडी आपके बच्चे को दे सकती है कैंसर, यूपी खाद्य विभाग की जांच ने की पुष्टि, तमिलनाडु में हो चुकी है प्रतिबंधित
बिलासपुर (यूपी): अगर आपका बच्चा कॉटन कैंडी (गुड़िया के बाल) खाना पसंद करता है तो सावधान हो जाइए। यूपी खाद्य विभाग की जांच में इस कैंडी में खतरनाक रसायन मिले हैं, जो शरीर में कैंसर पैदा करते हैं। सेहत के लिए खतरनाक होने के कारण तमिलनाडु में कुछ समय पहले इसे प्रतिबंधित कर दिया गया है।
खाद्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इस कैंडी में बेसिक कलर रोडामाइन बी पाया जाता है। जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। और केंसर का कारण बनता है। सहायक आयुक्त, खाद्य सुरक्षा विभाग बिलासपुर, महेश शर्मा ने बताया कि घुमावरी बाजार में एक कैंडी का सेंपल लिया गया था। जिसमें खतरनाक केमिकल पाया गया। जो सेहत के लिए खतरनाक है। इस मामले में कार्यवाई की जा रही है।
चमड़ा उद्योग में एक पिगमेंट के रूप में होता है इस्तेमाल
रोडामाइन बी को कपड़ा, चमड़ा और अन्य उद्योगों में एक ‘पिगमेंट’ के रूप में इस्तेमाल किए जाने की अनुमति है। लेकिन खाद्य पदार्थों में इसका इस्तेमाल प्रतिबंधित है। एफ़एसएसएआई ने रोडामाइन बी को खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल किए जाने पर प्रतिबंधित कर रखा है। खाद्य पदार्थों को तैयार, प्रासेस और वितरण करने में इसका इस्तेमाल करना फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट 2006 के तहत दंडनीय अपराध माना गया है।
मेले में कॉटन कैंडी का अधिक प्रचलन
भारत में लगने वाले मेलों में अक्सर आपको कॉटन कैंडी देखने को मिलेगी। एक मशीन में गर्म चीनी को घुमाकर इसे तैयार किया जाता है। और बच्चे चाव से इसे खाते हैं। गली मोहल्लों में भी घण्टी बजाकर बिक्रेता इसे प्लास्टिक की पन्नी में बेचते हुवे नजर आते हैं।
अमेरिका की देन है कॉटन कैंडी
भारत में गुड़िया के बाल से मशहूर कॉटन कैंडी दरसल अमेरिका की देन है। अमेरिका में रहने वाले एक दंत चिकित्सक ने इस कॉटन कैंडी की मशीन बनाई थी। सात साल बाद एक मेले ने इस मशीन को पहचान दिलाई। जिसके बाद यह कई देशों में उपयोग की जाने लगी।