उत्तराखंड

पितृसत्तात्मक, पुरुष प्रधान समाज, धार्मिक कट्टरपन ने महिलाओं के विकास में पैदा किए अवरोध: उपपा

अल्मोड़ा: अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अल्मोड़ा स्तिथ केंद्रीय कार्यालय में हुई बैठक में पार्टी ने कहा कि महिलाएं समाज में लैंगिक हिंसा, भेदभाव, अवसरों में गैर बराबरी और उत्पीड़न का शिकार होती रही हैं। जिसके खिलाफ़ समाज को संवेदनशील शक्तियों को पूरी समझदारी से व्यापक अभियान चलाने की ज़रूरत है।

पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि पितृसत्तात्मक, पुरुष प्रधान समाज, धार्मिक कट्टरता तथा पाखंड ने महिलाओं के विकास में हमेशा अवरोध पैदा किया है जिसे कड़ी चुनौती देना और बदलना आवश्यक है। बैठक में वक्ताओं का कहना था कि उत्तराखंड राज्य में जिस तरह मुजफ्फरनगर कांड, अंकिता हत्याकांड और हेलंग जैसी घटनाएं और आए दिन महिलाओं की हत्याएं, सामूहिक बलात्कार, घरेलू हिंसा जैसी घटनाओं पर कानून और सरकार का असंवेदनशील रवैया सामने आ रहा है वह चिंता का विषय है। पार्टी ने कहा कि संसद और विधानसभाओं में महिला आरक्षण को लेकर जो अवसरवादी फैसले लिए गए वह हमारी राजनीतिक व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं। बैठक में उपपा समाज के साधारण परिवारों से आने वाली असाधारण इच्छा शक्ति से संघर्ष कर रही महिलाओं के सम्मान में जल्द ही हर वर्ष की भांति कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय भी लिया गया। बैठक में शिक्षाविद चंद्रशेखर बनकोटी, किरन आर्या, तीलू रौतेली पुरुस्कार से सम्मानित रेशमा परवीन, धीरेंद्र मोहन पंत, पार्टी महासचिव एड. नारायण राम, एड. जीवन चंद्र, एडवोकेट गोपाल राम, हेमा पांडे, मो. शाकिब, उछास के दीपांशु पांडे, राकेश बाराकोटी और सक्षम पांडे आदि शामिल रहे।

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