उत्तराखंड

जंगल की आग ने ली एक और जान, अब तक पांच लोगों की मौत, दुनागिरी मंदिर भी आग से घिरा, लोगों ने भागकर बचाई जान

Uttarakhand Forest Fire: उत्तराखंड में जंगलों की आग ने एक और जान ले ली। गुरुवार को स्यूनराकोट ग्राम पंचायत के जंगल में आग की चपेट में आने से चार नेपाली श्रमिक बुरी तरह झुलस गए थे। जिनकी अब तक मौत हो चुकी है। अब पाैड़ी जिले में भी आग में झुलसने से एक महिला की मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार शनिवार को पाैड़ी जिला मुख्यालय तहसील क्षेत्र के बनगढ़स्यूं-2 के थापली गांव के जंगलों में लगी आग खेतों तक पहुंच गई। आग को परखुंडे की ओर आते देख सावित्री देवी (65) घास को उतारने लगी। तभी तेज हवा चली और घास ने आग पकड़ ली।

सावित्री के पति कृपाल सिंह व अन्य परिजनों से आग को बुझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन महिला काफी झुलस चुकी थी। परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जहां उसकी गंभीर हालत को देखकर चिकित्सकों ने ऋषिकेश एम्स रेफर कर दिया। बताया कि देर रात महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई। आरएसआई राजेंद्र सिंह के मुताबिक, दैवीय आपदा के चलते मौत होने पर महिला के परिजनों को आपदा मद से आर्थिक सहायता दी जाएगी।

इधर रविवार को अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट छेत्र में स्तिथ दुनागिरी मंदिर भी जंगल की आग की चपेट में आ गया। मंदिर के प्रवेश द्वार और अन्य स्थानों पर आग की लपटें पहुंची तो वहां मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया। लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई। फिलहाल उच्च अधिकारी मौके पर हैं। आग पर अभी काबू नहीं पाया जा सका है।

बागेश्वर जिले के ओखलसों गांव में खेत में गेहूं के अवशेष जलाने के लिए लगाई गई आग को बुझाने के दौरान दो सगे भाई रिटायर्ड फौजी नारायण सिंह (62) पुत्र सुर सिंह और उनके भाई प्रताप सिंह (55) झुलस गए। वहीं, बागेश्वर जिले के रीमा में गोशाला में आग लगने से गाय और बछड़ा जिंदा जल गए। धरमघर रेंज के रेंजर प्रदीप कांडपाल ने बताया कि घटना की जांच की जाएगी। उधर, बागेश्वर रेंज के गोगिनापानी गांव में नाप खेतों में लगी आग जंगल तक पहुंच गई।

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