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अमित शाह फेक वीडियो केस में कांग्रेस का एक पदाधिकारी गिरफ्तार, (AAP) के लिए भी काम कर चुका है ये शख्स

(Amit Shah Fake Video) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का फेक वीडियो वायरल करने के मामले में पुलिस ने असम से कांग्रेस के एक पदाधिकारी को गिरफ्तार किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गिरफ्तार शख्स आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए भी काम कर चुका है।

अमित शाह का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें शाह आरक्षण खत्म करने की बात करते नजर आ रहे थे। बीजेपी और गृह मंत्रालय दोनों ने ही इस वीडियो को फेक बताया था। दोनों की ही शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की थी। अब दिल्ली पुलिस ने इस मामले में रीतम सिंह नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा ने भी X पर इस गिरफ्तारी के सम्बंध में जानकारी दी है।

गिरफ्तारी को लेकर CM हिमंत बिस्वा ने लिखा,

“असम पुलिस ने माननीय गृह मंत्री से जुड़े फर्जी वीडियो के मामले में रीतम सिंह नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. ”

: कौन है रीतम सिंह

रीतम सिंह ने X पर खुद को असम कांग्रेस का वॉर रूम कोऑर्डिनेटर, वकील और सोशल इंजीनियर बताया है। LinkedIn पर रीतम सिंह ने अपने एक्सपीरियंस में पिछले तीन महीने से असम में कांग्रेस का बैकग्राउंट ऑपरेशन मैनेज करने की बात लिखी है। इसमें डेटाबेस मैनेजमेंट, संचार और प्रचार शामिल है।

LinkedIn प्रोफाइल पर ही दी गई जानकारी के अनुसार रीतम सिंह ने लगभग 2 साल तक आम आदमी पार्टी (AAP) की असम यूनिट के लिए रिसर्च, डेटा एनालिसिस, राजनीतिक रणनीति और कानूनी मामलों पर काम किया।

: साइबर आतंकवाद की धारा लगाई गई

न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के अनुसार असम पुलिस के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी प्रणबज्योति गोस्वामी ने रीतम सिंह की गिरफ्तारी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इस मामले में IPC की धारा 153A, 171G और 505(1)(b) के तहत केस दर्ज किया गया है। साथ ही आरोपी रीतम सिंह के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66F (साइबर आतंकवाद) भी लगाई गई है।

: कांग्रेस ने गिरफ्तारी की निंदा की

असम कांग्रेस ने इस गिरफ्तारी की निंदा की है। असम प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष बेदाब्रत बोरा ने कहा कि रीतम सिंह को गिरफ्तार करना ‘लोकतंत्र के खिलाफ’ है. उन्होंने कहा कि रीतम सिंह को इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि उन्होंने सरकारी कार्यों की आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को सरकार की नीतियों की आलोचना करने का अधिकार है।

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