इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी दीक्षांत समारोह, 101 अधिकारी हुए पास आउट, राष्ट्रपति रही मुख्य अतिथि
देहरादून इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी का 54वां आरआर (2022-24 प्रशिक्षण पाठ्यक्रम) के भारतीय वन सेवा परिवीक्षार्थियों का दीक्षांत समारोह बुधवार को हुआ। समारोह में 2022-24 सत्र के 99 भारतीय वन सेवा परिवीक्षार्थी और मित्र देश भूटान के दो भी प्रशिक्षु अधिकारी पासआउट हुए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समारोह की
मुख्य अतिथि रहीं।
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि विकास के दो पहिए है परंपरा और आधुनिकता। जनजाति समाज प्रकृति आधारित जीवनशैली का प्रतीक है। उनके ज्ञान के भंडार को हमने रूढ़िवादी मान लिया है। वनों के विकास का मतलब है मानव का विनाश। कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग वनों के संरक्षण में हो।
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वर्तमान बैच से सबसे अधिक 15 अधिकारी मध्य प्रदेश राज्य को मिले हैं, जबकि उत्तराखंड को तीन अधिकारियों की सेवाएं मिलीं। 1926 से यह संस्थान पहले इंडियन फॉरेस्ट कॉलेज और अब राष्ट्रीय वन अकादमी के रूप में देश की सेवा कर रहा है। स्वतंत्र भारत के सभी भारतीय वन सेवा अधिकारियों और 14 मित्र राष्ट्रों के 365 वन अधिकारियों ने अब तक इस संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त किया है।