सीएम अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार, शराब नीति में कैसे आया सीएम केजरीवाल का नाम ? क्या है ईडी के आरोप
: नौवीं बार भी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन पर हाजिर नहीं हुए
दिल्ली शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है। शराब नीति मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल नौवीं बार भी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन पर हाजिर नहीं हुए।
जिस कारण गुरूवार शाम को ईडी और दिल्ली पुलिस की टीम केजरीवाल के निवास पर पहुंची और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
अब सवाल उठता है कि अरविंद केजरीवाल की शराब पॉलिसी मामले में भूमिका क्या थी और ED ने कौन से आरोप लगाए हैं ?
शराब नीति में बदलाव कर अपनी तरह से लागू करवाया
दिल्ली शराब नीति मामले में कुछ समय पहले ईडी ने एक प्रेस नोट जारी कर शराब नीति मामले में बीआरएस की नेता कविता को साजिशकर्ता बताया था। ईडी ने कहा कि कविता ने अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह और मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर शराब नीति में बदलाव करवाए और फिर उसे अपनी तरह से लागू कराया। इसके बदले में साउथ की शराब लॉबी ने आम आदमी पार्टी को एकमुश्त 100 करोड़ रुपये दिए, इसके बाद शराब के थोक कारोबार में जो कमीशन 12 प्रतिशत किया गया, उसमें से 6 प्रतिशत वापस AAP को भेजा गया। सीएम केजरीवाल का नाम कुछ आरोपियों और गवाहों के बयानों में आया, इसका जिक्र एजेंसियों ने अपने रिमांड नोट और चार्जशीट में किया है।
आरोपित विजय नायर ने भी खोले राज
शराब नीति मामले में आरोपित विजय नायर ने भी कुछ राज खोले थे। कहा गया कि विजय नायर का सीएम कार्यालय में आना जाना था। सीएम केजरीवाल से उसकी काफी बात होती थी। विजय नायर ने कई शराब कारोबारियों को बताया कि वो शराब पॉलिसी को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से चर्चा करता है। विजय नायर ने ही अपने फोन से फेस टाइम एप पर वीडियो कॉल के जरिए इंडोस्प्रिट के मालिक
समीर महेंद्रू और अरविंद केजरीवाल की बात करवाई। बातचीत में अरविंद केजरीवाल ने कहा की विजय नायर अपना बच्चा है, उस पर विश्वास करें और सहयोग करें।
राघव मगुंटा ने क्या कहा?
साउथ की शराब लॉबी से पहले आरोपी और अब गवाह, राघव मगुंटा ने बताया कि उसके पिता YSR कांग्रेस के सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलू रेड्डी (एमएसआर) ने दिल्ली शराब पॉलिसी के बारे में और ज्यादा जानने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। केजरीवाल ने दिल्ली में शराब के कारोबार के लिए उनका स्वागत किया था।
पूर्व सचिव ने भी लगाए थे आरोप
मनीष सिसोदिया के पूर्व सचिव सी अरविंद ने 7 दिसंबर 2022 को अपने बयान में बताया कि मार्च 2021 में उन्हें मनीष सिसोदिया से एक ड्राफ्ट रिपोर्ट ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GOM) मिली। जब मनीष सिसोदिया के बुलाने पर वो अरविंद केजरीवाल के घर गए तो वहां सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे। ये डॉक्यूमेंट उन्होंने पहली बार देखा था क्योंकि GOM कि किसी मीटिंग में ऐसे किसी प्रपोजल पर चर्चा नहीं हुई थी और इसी डॉक्यूमेंट के आधार पर उन्हें एक GOM रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया। इस रिपोर्ट में शराब का थोक कारोबार निजी लोगों को देने की बात थी।
ईडी की जांच, 338 करोड़ रुपये पहुंचे आप तक
ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि प्रोसीड ऑफ क्राइम के दौरान 338 करोड़ रुपए आम आदमी पार्टी तक पहुंचे हैं। बता दें कि मनीष सिसोदिया की बेल पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने 338 करोड रुपए की मनी ट्रेल अदालत के सामने रखी थी। इसमें यह साबित हो रहा था कि आबकारी नीति के दौरान शराब माफिया से 338 करोड़ रुपए आम आदमी पार्टी तक पहुंचे हैं और आम आदमी पार्टी के संरक्षक अरविंद केजरीवाल है, लिहाजा उनसे पूछताछ करना जरूरी है।
केजरीवाल को कब-कब जारी हुआ समन?
शराब नीति केस में ईडी ने अरविंद केजरीवाल को इस साल 17 मार्च को नौवां समन भेजा था. उससे पहले दिल्ली के सीएम को 27 फरवरी को आठवां, 26 फरवरी को सातवां, 22 फरवरी को छठा, 2 फरवरी को पांचवां, 17 जनवरी को चौथा, 3 जनवरी को तीसरा समन जारी किया गया था. वहीं, 2023 में 21 दिसंबर को दूसरा और 2 नवंबर को पहला समन जारी हुआ था।