बढ़ी खबर: छात्रवृत्ति घोटाले में ईडी की कार्यवाई, उत्तराखंड के एक शिक्षण संस्थान की करोड़ों की संपत्ति अटैच
संस्थान पर, छात्रों का फर्जी दाखिला दिखाकर करोड़ों रुपये हड़पने का आरोप
रुड़की (देहरादून) : लंबे समय तक सुर्खियों में रहे छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फिर एक बड़ी कार्यवाई की है। ईडी ने रुड़की स्तिथ वर्द्धमान एजुकेशनल सोसायटी की एक करोड़ से अधिक की संपत्ति को अटैच किया है। यह सोसायटी रुड़की में दो तकनीकी संस्थानों का संचालन करती है।
आरोप है कि इन शिक्षण संस्थानों ने एससी-एसटी वर्ग के छात्रों का फर्जी तरीके से दाखिला दिखाया। इसके बाद ट्यूशन फीस और तमाम शुल्क के नाम पर समाज कल्याण विभाग से छात्रवृत्ति हासिल कर ली। संस्थान ने छात्रवृत्ति का फर्जी ऑनलाइन वितरण भी दिखाया लेकिन छात्रवृत्ति की रकम हड़प ली। इसमें से कुछ रकम से संपत्तियों की खरीद हुई। जबकि, कुछ रकम का प्रयोग चेयरमैन आदि अधिकारियों ने किया। ईडी अब तक चार शिक्षण संस्थानों की करोड़ों रुपये की संपत्तियां अटैच कर चुकी है।
2013 में उजागर हुआ था घोटाला, एसआईटी ने की थी जांच
वर्ष 2013 में प्रदेश में छात्रवृत्ति घोटाला उजागर होने के बाद शासन के आदेश पर समाज कल्याण निदेशालय की ओर से विभागीय स्तर पर घोटाले की जांच शुरू की गई थी। प्रारम्भिक जांच में हरिद्वार के एक संस्थान में विभाग को घोटाले के कुछ सुराग मिले थे। इसके बाद शासन के आदेश पर एसआईटी का गठन किया गया। एसआईटी की जांच में रुड़की के एक कॉलेज में यूएसनगर सहित कुछ अन्य जिलों के एसटी छात्रों का फर्जी दाखिला दिखाकर छात्रवृत्ति हड़पने की पुष्टि हुई। हरिद्वार, देहरादून और रुड़की में जांच के बाद एसआईटी ने घोटाले में लिप्त कई लोगों को जेल भेजा। इसके बाद प्रदेश के कई दूसरे जिलों में भी घोटाले की जांच शुरू हुई। ईडी ने भी उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के कई शिक्षण संस्थानों को नोटिस भेजकर पूछताछ की थी।
2019 में रुड़की के बीरपुर से हुई थी पहली गिरफ्तारी
घोटाला उजागर होने के बाद हरिद्वार के एक शिक्षण संस्थान में सबसे पहले सुराग मिले। इसके बाद 12 फरवरी 2019 को रुड़की के बीरपुर से पहली गिरफ्तारी हुई थी। जिसमें हरिद्वार जिले के पूर्व समाज कल्याण अधिकारी भी शामिल थे।