उत्तराखंड

खुलासा: उत्तराखंड के मदरसों में हिंदू बच्चों को दे रहे इस्लामिक शिक्षा, NCPCR ने पकड़े मामले

उत्तराखंड के मदरसों (Uttarakhand Madrassas) में हिंदू और गैर इस्लामिक धर्मों के बच्चों को इस्लामिक धार्मिक शिक्षा (islamic Religious education) दी जा रही है। साथ ही बाहरी प्रदेशों से भी बच्चे लाकर इन मदरसों में पढ़ाए जा रहे हैं। कुछ मदरसों में फीस लेकर भी बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

NCPCR ने देहरादून में पकड़े मामले

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने देहरादून के कुछ मदरसों की जांच की। आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने खुलासा किया कि देहरादून के कारगी ग्रांट स्तिथ दो मदरसों में 21 बच्चे ऐसे पाए गए, जिन्हें यूपी और बिहार से यहां लाकर शिक्षा के बुनियादी अधिकार से वंचित रखा गया है। एक मदरसा ऐसा भी मिला, जो स्थानीय बच्चों को शुल्क लेकर पढ़ा रहा था।

राज्य के मदरसों में 190 से अधिक बच्चे हिंदू और गैर इस्लामिक धर्मों के 

आयोग की जांच में यह भी सामने आया है कि राज्य के मदरसों में वर्तमान में 190 बच्चे हिंदू और गैर इस्लामिक धर्मों के पढ़ रहे हैं। आयोग के अनुसार हिंदू बच्चों काे मदरसों में पढ़ाया जाना आपराधिक षड्यंत्र और राज्य की मूल अवधारणा के विपरीत है। इसमें शिक्षा और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, दोनों बराबर के भागीदार हैं। शिक्षा विभाग में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार इसकी वजह हो सकती है।
संविधान में यह स्पष्ट व्यवस्था है कि किसी बच्चे के माता-पिता की लिखित अनुमति के बिना किसी दूसरे धर्म की शिक्षा नहीं दी जा सकती।

प्रदेश में अवैध रूप से चल रहे 400 से अधिक मदरसे

एनसीपीसीआर की जांच में खुलासा हुआ कि राज्य में करीब 400 से अधिक मदरसे अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। उनका मानना है कि ऐसे मदरसों को बंद करना चाहिए। प्रत्येक बच्चे को स्कूल भेजना सरकार की जिम्मेदारी है। जो बच्चे मदरसों में हैं, उन्हें भी शिक्षा मिलनी चाहिए। इसके लिए पहले मैपिंग होनी आवश्यक है।

सभी जिलों के डीएम को समन जारी कर दिल्ली तलब करेंगे

प्रियंक कानूनगो के अनुसार अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने जानकारी दी कि मदरसों की मैपिंग में जिलों के डीएम सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयोग अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य के सभी 13 जिलों के डीएम को समन जारी कर दिल्ली तलब करेगा और स्पष्टीकरण मांगेगा कि अनमैप्ड मदरसों की मैपिंग में हीलाहवाली क्यों की जा रही है।

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