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दुःसाहस: महीनों से सियाचिन के पास POK में सड़क बना रहा है चीन, सेटेलाइट तस्वीरों से खुली पोल

गुपचुप तरीके से भारत में घुसपैठ करने की लगातार कोशिश करने वाले चीन ने फिर एक दुःसाहस किया है। कई महीनों से चीन सियाचिन ग्लेशियर के पास चुपचाप एक सड़क बना रहा है। यूरोपियन स्पेस एजेंसी की सेटेलाइट तस्वीरों से चीन की इस हरकत का खुलासा हुआ है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन सियाचिन के जिस हिस्से में यह सड़क बना रहा है वह पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से अधिग्रहित कश्मीर का एक हिस्सा थी। 1963 में इसे चीन को सौंप दिया गया था। शक्सगाम घाटी में बन रही ये सड़क चीन के झिंजियांग में राजमार्ग G219 से निकलती दिख रही है और एक जगह पर पहाड़ों में गायब हो जाती है। जो कि भारत की उत्तरी सीमा के इंदिरा कोल इलाके से करीब 50 किलोमीटर दूर है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीते साल जून और अगस्त में इस सड़क का निर्माण शुरू हुआ था।कारगिल, सियाचिन और पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा का जिम्मा भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स संभालती है। इस कॉर्प्स के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा का कहना है कि चीन द्वारा बनाई जा रही ये सड़क पूरी तरह से अवैध है और भारत को कूटनीतिक तरीके से चीन के सामने इसका विरोध करना चाहिए।

इस सड़क निर्माण को सबसे पहले भारत-तिब्बत सीमा के एक ऑबजर्वर ने हाइलाइट किया था. ‘नेचर देसाई’ नाम के अकाउंट से 21 अप्रैल को जारी पोस्ट में लिखा था,

एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में चीन की सड़क ने अघिल दर्रे (4805 मीटर) पर सीमा को तोड़ दिया है और कश्मीर की निचली शक्सगाम घाटी में घुस गई है. सड़क का सिरा अब सियाचिन से 30 मील से भी कम दूरी पर है.

दरअसल यह सड़क ट्रांस कराकोरम ट्रैक्ट इलाके में पड़ती है और यह इलाका ऐतिहासिक रूप से कश्मीर का हिस्सा है और इस पर भारत अपना दावा जताता है। भारत के नक्शे में भी इस क्षेत्र को भारत का हिस्सा दिखाया गया है। ट्रांस-कराकोरम ट्रैक्ट करीब 5300 वर्ग किलोमीटर इलाके में फैला है। इस मार्ग पर 1947 में पाकिस्तान ने कब्जा कर लिया था और 1963 में द्विपक्षीय सीमा समझौते के हिस्से के रूप में इसे चीन को सौंप दिया गया था. हालांकि इस समझौते को भारत ने कभी मान्यता नहीं दी.
पाकिस्तान के गिलगित बाल्टिस्तान प्रांत में साल 2021 में पाकिस्तानी सरकार ने नए हाइवे के निर्माण का एलान किया था, जो कि मुजफ्फराबाद को मस्ताघ पास से जोड़ेगा। मस्ताघ पास शक्सगाम घाटी से जुड़ता है। ऐसे में आशंका है कि चीन और पाकिस्तान का इस इलाके से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ाव हो सकता है।

 

 

 

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