यहां वोटर इतने नाराज की 638 बूथों पर नहीं पड़ा एक भी वोट, 4 लाख से अधिक मतदाताओं में नाराजगी, जानें आखिर क्यों नाराज हैं यहां के वोटर?
Lok Sabha Elections 2024: 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 21 राज्यों के 102 लोकसभा सीटों पर मतदाताओं ने वोट डाले। कई राज्यों में मतदान के लिए लोगों में जोश दिखा तो कुछ राज्यों में मतदान कम हुआ। कुछ जगह पर लोगों ने मतदान का बहिष्कार (Election Boycott) भी किया। नागालैंड के 6 जिलों में भी लोगों ने मतदान का विरोध कर दिया। जिसके चलते यहां 638 पोलिंग बूथों पर एक भी वोट नहीं पड़ा। बताया जा रहा है कि ‘ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गेनाइजेशन’ (ENPO) ने इन 6 जिलों के लोगों से चुनाव बहिष्कार करने के लिए कहा था।
ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गेनाइजेशन (ENPO) साल 2010 से फ्रंटियर नागालैंड के नाम से अलग राज्य की मांग कर रहा है। संगठन का कहना है कि 6 जिले मोन, त्यूसांग, लॉन्गलेंग, किफीर, शामाटोर और नोकलाक को हर तरह से नजरअंदाज किया गया है। नागालैंड की विधानसभा में इन 6 जिलों से 20 सीटें आती हैं। ENPO के अनुसार इसमें 6 आदिवासी संगठन शामिल हैं।
“ये भी पढ़ें: रिजल्ट आने से पहले ही विदेशी मीडिया ने ‘पीएम मोदी’ को चुनावी परीक्षा में ‘पास ‘कर दिया, चुनाव को लेकर विदेशी मीडिया ने लिखा…
बताया जा रहा है कि इससे पहले, ENPO ने इन 6 जिलों में ‘पब्लिक इमरजेंसी’ घोषित कर दी थी। संगठन ने कहा था कि वो इन जिलों में किसी भी राजनीतिक दल को चुनाव प्रचार नहीं करने देगा।
संगठन की तरफ से एक बयान जारी किया गया था, इसमें कहा गया था, यह देखते हुए कि भारत सरकार गृह मंत्रालय के जरिए फ्रंटियर नागालैंड टेरिटरी बनाने की मांग को पूरा करने में देरी कर रही है, आदिवासी संगठन तत्काल प्रभाव से पूर्वी नागालैंड में पब्लिक इमरजेंसी लागू होने की घोषणा कर रहे हैं।
नागालैंड के अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी एवा लोरिंग के अनुसार इन 6 जिलों के 638 पोलिंग बूथ पर चुनाव अधिकारी तैनात किए गए थे। इन 6 जिलों में 4 लाख से ज्यादा मतदाता हैं। इन मतदाताओं ने ENPO के प्रति अपना समर्थन दिखाया और चुनाव का बहिष्कार कर दिया।