उत्तराखंड

रामनगर में बाघ के हमले को लेकर बवाल, ग्रामीणों ने चार घण्टे तक नहीं उठने दिया किसान का शव, बाघ के हमले से हुई थी किसान की मौत

रामनगर में बुधवार को बाघ के हमले में किसान की मौत के बाद देर रात तक हंगामे की स्तिथि बनी रही। हमले से गुस्साए ग्रामीणों ने चार घण्टे तक खेत से किसान का शव नहीं उठने दिया। ग्रामीणों ने बाघ को जल्द पकड़ने की मांग के साथ ही पीड़ित परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की। बुधवार देर शाम को खेत में चौकीदारी कर रहे किसान प्रमोद तिवारी को बाघ ने हमला कर मार डाला था।

कार्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला रेंज स्तिथ गांव लालपुर बंसीटोला निवासी प्रमोद तिवारी (42) बुधवार शाम को अपने गेहूं के खेत में चौकीदारी कर रहे थे। करीब सात बजे एक बाघ ने प्रमोद पर हमला किया, जिससे उनकी मौत हो गई। घटनास्थल से करीब 500 मीटर दूर प्रमोद का शव मिला। बाघ के हमले से ग्रामीण आक्रोशित हो गए और उन्होंने चार घण्टे तक खेत से प्रमोद का शव नहीं उठने दिया।

मौके पर पहुंचे वन विभाग के उच्च अधिकारियों के समझाने पर भी ग्रामीण नहीं माने और विरोध करते हुए नारेबाजी की। रात करीब 11 बजे ग्रामीण खेत से किसान का शव उठाकर घर ले गए जिससे मामला शांत हुआ। ग्रामीणों का आरोप था कि गांव में लगातार बाघ की दहशत बनी है, लेकिन वन विभाग कोई कार्यवाई नहीं कर रहा है। पिछले छह माह में बाघ के हमले में छह लोगों की मौत हो गई।

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