नानकमत्ता मर्डर केस अपडेट: अवैध असलहे से बाबा तरसेम सिंह की हत्या का अंदेशा, आखिर यूएसनगर में कहां से पहुंचते हैं अवैध असलहे, कहां चलती है असलहों की फैक्ट्री..
: बिहार की सीमा से लगे खैबर दर्रे के साथ ही मुंगेर के असलहों की यहां खास डिमांड
: यूपी से सटे जंगलों में पकड़ी गई हैं अवैध असलहों की फैक्ट्री
माना जा रहा है कि नानकमत्ता में डेरा प्रमुख तरसेम सिंह की हत्या के लिए अवैध असलहे का इस्तेमाल किया गया। जिले में किसी हत्या के लिये अवैध असलहे का प्रयोग करना यहां नई बात नहीं है। पहले भी अवैध असलहे कई लोगों की जान ले चुके हैं। जिले की सीमा से लगे यूपी के जंगलों में असलहे बनाने की अवैध फैक्ट्री जगह-जगह संचालित होने से असलहे के सौदागरों को इनकी सप्लाई करने में आसानी होती है। जिले में कई बार अवैध असलहों की खेप बरामद हो चुकी है।
आपराधिक वारदातों में पूरे प्रदेश में पहले पायदान पर माने जाने वाले उधमसिंह नगर में असलहों की खेप यूपी से पहुंच रही है।
कुछ समय पहले एसटीएफ ने पुलभट्टा थाना छेत्र में असलहों की खेप बरामद की थी। आरोपियों ने यूपी से असलहे लाने की बात कबूली थी।
बिहार की सीमा से लगे खैबर दर्रे के साथ ही मुंगेर के असलहों की यहां खास मांग है। यूपी में बने असलहों के खरीदार भी यहां हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार यूपी की सीमा से लगे कलकत्ती और कनकटा के जंगलों में असलहे बनाने के कारखाने खुलेआम चलते हैं। केलाखेड़ा के जंगल से पुलिस और एसटीएफ कई बार अवैध असलहों की खेप पकड़ चुकी है। गदरपुर से लगे कलकत्ती के जंगल से भी असलहे बरामद किए जा चुके हैं। जिले में अवैध असलहे रखने वाले सैकड़ों लोगों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज हैं लेकिन फिर भी अवैध असलहों का कारोबार बंद नहीं हो रहा है।
कई बार गम्भीर मसले तो कई बार मामूली बात में चल जाती है गोली
यूएसनगर में कई बार गम्भीर मामलों में फायरिंग की गई तो कई बार मामूली बात में भी गोली दाग कर लोगों का खून बहाया गया।
यूएसनगर के चर्चित हत्याकांड
: चुनावी रंजिस के चलते 2016 में नानकमत्ता में कनिष्ठ ब्लाक प्रमुख सतनाम सिंह उर्फ सोनू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
: नानकमत्ता में ही बीते साल लूट के मकसद से एक परिवार के चार लोगों की हत्या कर दी गयी।
: जनवरी 2018 को सितारगंज में पुरानी रंजिश के चलते नगर कीर्तन में ही दिनदहाड़े दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
: चार जनवरी को भारामल मंदिर के महंत श्री हरिगिरि महाराज और उनके सेवादार रूपा की लाठी हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया।
: खनन के मामले को लेकर 2014 में बाइक सवार तीन शूटरों ने पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष प्रताप बिष्ट पर फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी थी।
: 2020 में दिनदहाड़े भदईपुरा के पार्षद प्रकाश धामी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी।
: 2021 में रुद्रपुर के प्रीतनगर में मेढ़ के विवाद को लेकर गुरकीर्तन और गुरपेज की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
: 2022 में काशीपुर में स्टोन क्रशर मालिक महल सिंह की दिनदहाड़े बाइक सवार दो युवकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
: 2023 में केलाखेड़ा के रंपुराकाजी में पुरानी रंजिश को लेकर जोगेद्रों और गुरमीत की हत्या कर दी गई थी।
फायरिंग के इन मामलों में से अधिकांश में अवैध असलहों का इस्तेमाल किया गया। अगर बाबा तरसेम सिंह की हत्या भी अवैध असलहे से की गई तो सवाल है कि आखिर जिले में इतनी आसानी से कैसे अवैध असलहे पहुंच रहे हैं। क्या जिले में ही इन्हें तैयार किया जा रहा है, या फिर बाहर जिलों से इनकी खेप मंगाई जा रही है।
कारतूसों की अवैध बिक्री का भी होता है खेल
जिले में अपराधियों को अवैध असलहे तो बाहर से मिल जाते हैं, लेकिन कारतूस की व्यवस्था जिले से ही हो जाती है। यहां लाइसेंसी असलहे के नाम पर कारतूस खरीदे जाते हैं और उनका इस्तेमाल अवैध असलहों के लिए किया जाता है। पुलिस जांच में इसका खुलासा हुआ है कि कुछ शस्त्र विक्रेता लाइसेंस में कारतूस चढ़ाने में खेल करते हैं। शस्त्र विक्रेता न कारतूस देते समय पुराने खोखे देख रहे हैं, आए दूसरे के लाइसेंस पर भी कारतूस दर्ज कर अवैध रूप से कारतूस बेच रहे हैं।