पति ने पत्नी को कह दिया ‘सेकंड हैंड’ हाईकोर्ट ने लगा दिया 3 करोड़ का जुर्माना, जानें हनीमून से हर्जाने तक क्यों पहुंच गया मामला
अपनी पत्नी को हनीमून पर ‘सेकंड हैंड’ कहना एक पति को इतना भारी पड़ा कि हाईकोर्ट ने पति को तीन करोड़ रुपये जुर्माने की सजा सुना दी। महिला का आरोप था कि वह पति के साथ हनीमून पर गयी थी, जहाँ पति ने उसे ‘सेकंड हैंड’ कह दिया। महिला के अनुसार उसकी पहली सगाई टूट गयी थी, जिस कारण पति उसके चरित्र पर शक करने लगा था।
मामला एक ऐसे दम्पत्ति का है जो अमेरिका के नागरिक हैं। 1994 में दोनों ने मुंबई में शादी की। इसके बाद दोनों हनीमून के लिए नेपाल चले गए। पत्नी का आरोप है कि यहां पति ने उसे ‘सेकंड हैंड’ कहा। इसके बाद दोनों अमेरिका चले गए। यहां भी उन्होंने एक विवाह समारोह किया। आरोप है कि इसके बाद पति अपनी पत्नी पर शक करते हुए उसे प्रताड़ित करने लगा। 2005- 06 में दोनों मुंबई आ गए, यहां दोनों साथ रहने लगे और पत्नी मुंबई में ही नौकरी करने लगी, लेकिन कुछ समय बाद पत्नी अपने मायके चली गयी। पति भी 2014-15 में वापस अमेरिका चला गया।
पति ने अमेरिका की कोर्ट में दायर किया तलाक का मुकदमा
2017 में पति ने अमेरिका की कोर्ट में तलाक के लिए मुकदमा दायर किया और पत्नी को समन भेजा। इसी दौरान पत्नी ने भी मुंबई मजिस्ट्रेट अदालत में घरेलू हिंसा (डीवी) अधिनियम के तहत एक याचिका दायर कर दी। 2018 में अमेरिका की एक कोर्ट ने जोड़े को तलाक दे दिया। इधर पत्नी ने जो आरोप लगाए थे उन पर भी कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। पत्नी का आरोप था कि पति ने उस पर अपने भाइयों और अन्य पुरूषों के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया। पीड़िता का यह आरोप भी था कि 1999 में उसके पति ने उसके साथ मारपीट की, तब शोर सुनकर पड़ोसियों ने पुलिस को बुला लिया था, इस मामले में पति को गिरफ्तार कर लिया गया था, हालांकि, पत्नी ने इस मामले में शिकायत नहीं की थी, लेकिन स्थानीय पुलिस ने पीड़िता के चेहरे पर चोट का निशान देखा और स्वत: संज्ञान लेकर उसे गिरफ्तार किया था। बाद में उसे जमानत मिल गई।
बाहरी लोगों से जोड़ा नाम, गला दबाकर मारने का प्रयास
पीड़िता के अनुसार साल 2000 में उसके माता-पिता अमेरिका गए थे। तब पिता को दिल का दौरा पड़ा था। इस हालत में भी उनके पति ने उनको अपने पिता के साथ नहीं रहने दिया। पति ने बाहरी लोगों जैसे दूधवालों और सब्जी बेचने वालों तक के साथ उसका नाम जोड़ा। महिला का यह भी आरोप था कि पति ने 2008 में तकिए से उनका दम घोंटने की कोशिश की थी। पीड़िता के अनुसार इस शादी से पहले उनकी एक सगाई टूट गई थी। इसी कारण से पति ने हनीमून के समय उन पर लांछन लगाते हुए उनके लिए सेकंड हैंड जैसे शब्द का प्रयोग किया।
अदालत का फैसला, दो माह के भीतर पति को देना होगा 3 करोड़ का मुआवजा
पूरे मामले में पति ने अदालत में पत्नी द्वारा लगाए गए आरोपों को गलत बताया। लेकिन कोर्ट ने पति की दलीलों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए भरण-पोषण के लिए पत्नी को डेढ़ लाख रुपए प्रतिमाह और दो महीने के भीतर 3 करोड़ रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया। इसके साथ ही पति को 50 हजार रुपए का खर्च भी देने के लिए कहा गया था। पति ने निचली अदालत के आदेश को सत्र न्यायालय में चुनौती दी। यहां भी अदालत ने पति की याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद भी पति मुंबई हाई कोर्ट पहुंचा। हाई कोर्ट ने भी 3 करोड़ के मुआवजे के फैसले को बरकरार रखा है।