Ayodhya Ram lalla surya tilak: सूर्य की किरणों से किया गया रामलला का सूर्य तिलक, पांच मिनट तक हुए अभिषेक को अचरज से देखती रही दुनिया
अयोध्या राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली रामनवमी है। इस रामनवमी पर सूर्य की किरणों से भगवान श्रीराम का सूर्य तिलक किया गया। इस अवसर पर अयोध्या में भक्तों की भारी भीड़ रही। सूर्य तिलक की यह प्रक्रिया विज्ञान और इंजीनियरिंग के अदभुत प्रयोग से सफल हो सकी। इसके लिए वैज्ञानिकों ने कई महीनों की साधना कर कई सारे प्रयोग किए।
रामलला का सूर्य अभिषेक दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर हुआ। सूर्य की किरणें रामलला के चेहरे पर पड़ी। करीब 75 मिमी का टीका राम के चेहरे पर बना। दुनिया भक्ति और विज्ञान के अद्भुत संगम को भक्तिभाव से निहारती रही। यह धर्म और विज्ञान का भी चमत्कारिक मेल रहा। इस सूर्य तिलक के लिए वैज्ञानिकों ने कई महीने से तैयारी की। इसके लिए कई ट्रायल किए गए। आज दोपहर में जैसे ही घड़ी में 12 बजकर 01 मिनट हुए सूर्य की किरणें सीधा राम के चेहरे पर पहुंच गईं। 12 बजकर एक मिनट से 12 बजकर 6 मिनट तक सूर्य अभिषेक होता रहा।
इस तकनीक से हुआ सूर्य तिलक
सूर्य तिलक के लिए वैज्ञानिकों ने बीते 20 वर्षों में अयोध्या के आकाश में सूर्य की गति अध्ययन किया। सटीक दिशा आदि का निर्धारण करके मंदिर के ऊपरी तल पर रिफ्लेक्टर और लेंस स्थापित किया गया। सूर्य रश्मियों को घुमा फिराकर रामलला के ललाट तक पहुंचाया जाएगा। सूर्य की किरणें ऊपरी तल के लेंस पर पड़ेंगी। उसके बाद तीन लेंस से होती हुई दूसरे तल के मिरर पर आएंगी। अंत में सूर्य की किरणें रामलला के ललाट पर 75 मिलीमीटर के टीके के रूप में दैदीप्तिमान होंगी। लगभग चार मिनट तक टिकी रहेंगी। यह समय भी सूर्य की गति और दिशा पर निर्भर है।