अपराध

प्रदीप शर्मा: एनकाउंटर से बने सुपर कॉप, एनकाउंटर ने ही कर दिया फ्लॉप, 113 एनकाउंटर करने वाले प्रदीप शर्मा पर बनी थी फ़िल्म

 

: मराठी फिल्म ‘रेगे’ की कहानी थी प्रदीप शर्मा की लाइफ पर आधारित

: पुलिस सेवा से वीआरएस लेकर राजनीति में आजमाया था हाथ

: मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी प्रदीप शर्मा को मुंबई हाईकोर्ट ने सुनाई है उम्रकैद की सजा

साल 2014 में एक मराठी फ़िल्म आयी थी ‘रेगे’ मराठी सिनेमा में यह पहली बार था कि कोई फिल्म न केवल अंडरवर्ल्ड को दिखाती है, बल्कि अपराध जगत के बारे में आज के युवाओं की जिज्ञासा पर भी जोर देती है, जो उन्हें उनके जीवन में एक गतिरोध की ओर ले जाती है। फ़िल्म की कहानी एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की वास्तविक जीवन की कहानी से प्रेरित थी।

ये प्रदीप शर्मा मुंबई पुलिस के वही पूर्व अधिकारी हैं, जिन्हें बीते मंगलवार मुंबई हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। शर्मा के नाम पुलिस विभाग में 113 एनकाउंटर दर्ज हैं। एनकाउंटर से ही प्रदीप शर्मा सुपर कॉप बने और एनकाउंटर ने ही उन्हें फ्लॉप कर दिया।
जानते हैं ये एनकाउंटर स्पेशलिस्ट आखिर कैसे उम्रकैद की सजा तक पहुंच गया।

प्रदीप शर्मा का बचपन यूपी के आगरा में बीता। प्रदीप के पिता महाराष्ट्र स्तिथ धुले के एक कॉलेज में अंग्रेजी के प्रोफेसर थे। कुछ समय बाद पूरा परिवार महाराष्ट्र में बस गया। धुले में अपनी पढ़ाई करने के बाद 1983 में प्रदीप का चयन महाराष्ट्र पुलिस सेवा में हुआ। कुछ समय बाद उन्हें मुंबई पुलिस की स्पेशल ब्रांच में तैनाती मिली।

स्पेशल ब्रांच से खोला एनकाउंटर का खाता

स्पेशल ब्रांच में प्रदीप शर्मा को तब तैनाती मिली थी जब पूरी मुंबई (बंबई) अंडरवर्ड के खौफ में थी। अंडरवर्ड के साम्राज्य पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने स्पेशल टीम बनाई जिसमें प्रदीप शर्मा को भी शामिल किया गया। और यहीं से प्रदीप ने एनकाउंटर का खाता खोलना शुरू किया।
टीम ने जब कई अपराधियों के एनकाउंटर किए तो प्रदीप शर्मा भी सुर्खियों में आ गए। अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के छोटे भाई इकबाल कास्कर को भी प्रदीप शर्मा ने गिरफ्तार किया।
इन सुर्खियों से प्रदीप शर्मा को विभाग में तरक्की भी मिली। सुभाष माकडवाला और अंडरवर्ड डॉन रवि पुजारी के गुरू श्रीकांत मामा के एनकाउंटर में भी प्रदीप शर्मा थे, इसमें 26/11 के मुंबई हमले के शहीद विजय सालसकर भी प्रदीप के साथ शामिल रहे।

2006 के फर्जी एनकाउंटर में फंसे प्रदीप शर्मा

इस एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ने 2006 में अंडरवर्ड डॉन छोटा राजन के गुर्गे रामनारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया का एनकाउंटर किया। लेकिन यहाँ ये फर्जी एनकाउंटर में फंस गए। इस एनकाउंटर की जब जांच हुई तो एनकाउंटर फर्जी पाया गया, और कोर्ट ने शर्मा को साढ़े तीन साल की सजा सुना दी। इसके बाद उनको पुलिस महकमे से भी बर्खास्त कर दिया गया। 2013 में कोर्ट ने शर्मा को बरी किया तो 2017 में उन्हें फिर से महाराष्ट्र पुलिस सेवा में वापस ले लिया गया। शर्मा पर लखन भैया को नवी मुंबई स्तिथ वासी में उसके घर से अपहरण कर गोली मारने और पूरी घटना को एक एनकाउंटर के रूप में दिखाने का आरोप था। आज इसी आरोप में शर्मा को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।

वीआरएस लेकर लड़ा था विधानसभा चुनाव

2020 में प्रदीप शर्मा का पुलिस विभाग से रिटायरमेंट था, लेकिन इससे पहले ही शर्मा ने अचानक 2019 में पुलिस सेवा से वीआरएस लेकर राजीनीति में अपना हाथ आजमाया। राजनीति में जगह बनाने के लिए प्रदीप ने शिवसेना का दामन थामा, और शिवसेना ने मुंबई की नालासुपारा सीट से प्रदीप को विधानसभा चुनाव लड़ाया, लेकिन प्रदीप चुनाव हार गए। फिर प्रदीप अपना एक एनजीओ चलाने लगे

मनसुख मर्डर केस ने बढ़ाई प्रदीप की मुश्किल

2021 में प्रदीप की मुश्किल फिर एक बार बढ़ी जब एंटीलिया और मनसुख मर्डर केस में जांच एजेंसी एनआईए ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। दरसल 25 फरवरी 2021 में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर एक स्कॉर्पियो गाड़ी बरामद हुई जिसमें विस्फोटक भरा था। 20 जिलेटिन की छड़ें और एक धमकी भरा पत्र इस गाड़ी से बरामद हुआ था।

जांच में पता चला कि यह स्कॉर्पियो ठाणे जिले में गाड़ियों के स्पेयर्स पार्ट्स बेचने वाले मनसुख हिरेन की थी। मनसुख ठाणे की विकास पाम्स सोसायटी में रहते थे। मुंबई पुलिस ने हिरेन से कई दौर की पूछताछ की। जिसमे हिरेन ने घटना से एक हफ्ते पहले कार चोरी होने की बात कबूली थी। अचानक 5 मार्च 2021 में ठाणे के कलवा क्रीक से मनसुख हिरेन का शव बरामद हुआ। जिसके बाद हिरेन की पत्नी सामने आई और कहा कि हिरेन ने एक साल पहले सचिन वझे नाम के व्यक्ति को गाड़ी बेच दी थी। जिसने फरवरी के पहले हफ्ते में कार लौटाई थी।

इधर हिरेन की मौत की गुत्थी सुलझाने के दौरान एक बात सामने आई कि हिरेन की मौत से कुछ दिन पहले सचिन वझे की एक व्यक्ति के साथ अंधेरी इलाके में मुलाकात हुई। ये वही इलाका था जहाँ प्रदीप शर्मा भी रहते थे। जांच एजेंसी को शक था कि सचिन की मुलाकात प्रदीप से हुई थी। एक कार की सीसीटीवी फुटेज से भी जांच एजेंसी को कुछ सुराग मिले। जिससे प्रदीप जांच एजेंसी के रडार पर आ गए। मामले की जांच कर रही एनआईए ने कोर्ट को बताया कि हिरेन की हत्या में प्रदीप शर्मा का हाथ है।

गैंगस्टर विनोद मटकर एनकाउंटर से मिली सुर्खी

1999 में प्रदीप शर्मा ने अपने साथियों के साथ मिलकर गैंगस्टर और अंडरवर्ड डॉन छोटा राजन के साथी विनोद मटकर का एनकाउंटर किया। मटकर को छोटा राजन ने पाकिस्तान में छिपे इब्राहिम को खत्म करने के लिए चुना था।
जिसके बाद से ये एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से फेमस हुए। गैंगस्टर परवेज सिद्दीकी, रफीक डब्बावाला, सादिक कालिया जैसे नामी बदमाशों का भी प्रदीप शर्मा ने एनकाउंटर किया।

आतंकी भी किये थे ढेर
अपनी 25 साल की पुलिस सेवा में प्रदीप ने मुंबई को दहलाने की साजिश रचने वाले लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों का एनकाउंटर भी किया। जिसमें उनमें से दो, अबू सुल्तान और अबू अनवर, पाकिस्तानी नागरिक थे।

 

धन सिंह बिष्ट

धन सिंह बिष्ट संपादक – दैनिक वार्ता +91 9720246373

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