क्राइम करते पकड़ा गया आपका भाई, बेटा; छोड़ने के लिए लगेगी मोटी रकम, पुलिस के नाम से कॉल कर लोगों को शिकार बना रहे ठग, हल्द्वानी की महिला से लाखों की ठगी
- हल्द्वानी/रूद्रपुरः अगर आपके पास किसी पुलिस अधिकारी का फोन आता है और वह कहता है कि आपका भाई, बेटा या कोई अन्य रिश्तेदार किसी अपराध में पकड़ा गया है, उसे छोड़ने के लिए मोटी रकम लगेगी। तो सावधान हो जाइए। साइबर ठग आपको अपने जाल में फंसाने का प्रयास कर रहे हैं। एक ऐसे ही मामले में साइबर ठगों ने हल्द्वानी की महिला से साढ़े पांच लाख रुपये की ठगी कर ली।
ठगी की वारदातों को अंजाम देने के लिए साइबर ठगों ने अब नया तरीका अपनाया है। साइबर ठग लोगों को मोबाइल पर फोन कर उन्हें बता रहे हैं कि उनका बेटा, भाई या कोई अन्य रिश्तेदार क्राइम करते हुए पकड़ा गया है। उसे छुड़ाने के लिए मोटी रकम देनी पड़ेगी। पीड़ित को भरोसा दिलाने के लिए ठग उनकी बात भी फर्जी रिश्तेदारों से करा रहे हैं।
हल्द्वानी आरके टेंट निवासी भगवती गड़िया को कुछ दिन पहले एक पुलिस अधिकारी का फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को चंड़ीगढ़ पुलिस का अधिकारी बताते हुए कहा कि कोलकाता में नौकरी करने वाला उनका भतीजा एक अपराध में फंस गया है। भतीजे को छुड़ाने के लिए रकम देनी होगी। फोन करने वाले ने एक युवक से भगवती की बात भी कराई, जिसमें युवक भगवती को बुआ कह रहा था। इस तरह ठग ने भगवती को डराकर चार से अधिक बार में साढ़े पांच लाख की रकम ठग ली। खुद के साथ ठगी का एहसास होने पर भगवती ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज की। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
ठगों के निशाने पर हल्द्वानी और रूद्रपुर के लोग
हल्द्वानी में महिला के साथ ठगी करने वाले साइबर ठगों के गिरोह के निशाने पर खासकर हल्द्वानी और रूद्रपुर के लोग हैं। कुछ दिन पहले हल्द्वानी भोटिया पड़ाव क्षेत्र में रहने वाली युवती को भी नोयडा से एक फोन आया। जिसमें युवती को उसके नोयडा में रहने वाले भाई के एक अपराध में फंसने की बात कही गई। युवती ने सर्तकता दिखाते हुए तत्काल अपने भाई से संपर्क किया और जांच के बाद खुद को ठगी का शिकार होने से बचा लिया।
रूद्रपुर के गंगापुर रोड निवासी एक महिला के फोन पर कॉल कर उसे बताया गया कि लुधियाना में जॉब करने वाले उसके पति को गिरफ्तार किया गया है। पति को छोड़ने के लिए तीन लाख रुपये देने होंगे। लेकिन ठग महिला को अपने झांसे में नहीं ले सके।
महिलाओं को अधिक बना रहे हैं टारगेट
साइबर ठग इस पैंतरे को आजमाने के लिए महिलाओं को पहला टारगेट बना रहे हैं। महिलाओं का भावुक होना इसका मुख्य कारण माना जा रहा है। जानकारी के अनुसार अभी तक अधिकांश फोन महिलाओं को किए गए हैं। साथ ही अधिकांश मामलों में उनके बच्चों के क्राइम में फंसे होने की बात कही जा रही है।
व्हाट्सएप कॉल का सहारा ले रहे ठग
लेगों को अपना निशना बनाने के लिए साइबर ठग अधिकतर व्हाट्सएप कॉल का सहारा ले रहे हैं। व्हाट्सएप में प्रोफाइल जांचने पर ठगों की पुलिस अधिकारी के रूप में फर्जी प्रोफाइल फोटो भी दिख रही है। जिससे लोग उन्हें असली पुलिस अधिकारी समझने की गलती कर रहे हैं।
दिल्ली में पकड़े गए दो ठग
इसी तरह से ठगी करने वाले दो युवकों को एक माह पूर्व दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है। मोहम्मद असर और संतोष यादव पुलिसकर्मी बनकर लोगों से ठगी कर रहे थे। दोनों ने इस पैंतरे से कई लोगों को अपना शिकार बनाया था।
बिहार चंपारण से संचालित किया जा रहा गिरोह
दिल्ली में पकड़े गए ठगों से पुलिस को मिली जानकारी के आधार पर ठगों का यह पूरा नेटवर्क बिहार के चंपारण से संचालित किया जा रहा है। बदायूं, पुलिस ने भी मध्य प्रदेश के एक ठग को गिरफ्तार किया है। ठग महिला पुलिस अधिकारी की आवाज में लोगों को कॉल कर उनसे ठगी कर रहा था।