भारतीय किसान सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले सरफराज का अंत, पाकिस्तान में ‘अज्ञात हमलावरों’ ने मारी गोली, बेरहमी से की थी बेगुनाह सरबजीत की हत्या
: अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा था सरबजीत की गिरफ्तारी और हत्या का मामला
11 साल पहले पाकिस्तान की जेल में भारतीय किसान सरबजीत सिंह की बेरहमी से हत्या करने वाले अंडरवर्ड डॉन अमीर सरफराज उर्फ ‘तांबा’ का अंत उसी के देश में हो गया। पाकिस्तान के लाहौर में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर सरफराज की हत्या कर दी। बताया जाता है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के कहने पर सरफराज ने तड़पा-तड़पा कर सरबजीत सिंह की हत्या की थी।
कौन थे सरबजीत सिंह, क्या था हत्या का मामला?
सरबजीत सिंह भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे पंजाब प्रांत के तरनतारन जिला स्तिथ भिखीविंड गांव में रहने वाले एक किसान थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 30 अगस्त 1990 को सरबजीत गलती से पाकिस्तान सीमा में पहुंच गए। यहां पाकिस्तानी सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान की एक अदालत ने उन्हें लाहौर, मुल्तान और फैसलाबाद बम धमाकों का दोषी करार दिया। 1999 में सरबजीत को मौत की सजा सुनाई गई। सरबजीत के परिवार का कहना था कि वह बेगुनाह हैं, और उन्हें गलत फंसाया गया है।
मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा तो पाकिस्तान सरकार को फांसी का फैसला रद्द करना पड़ा। फैसला रद्द होने से सरबजीत और देश को उनके वापस लौटने की उम्मीद जगी, लेकिन सरबजीत वापस लौटते इससे पहले ही अप्रैल 2013 में पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में कैदियों ने उन पर हमला किया। गम्भीर हालत में उन्हें लाहौर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहाँ कुछ दिन बाद उनकी मौत हो गयी। सरबजीत पर हमला करने के आरोप में अंडरवर्ड डॉन अमीर सरफराज व कुछ अन्य कैदियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
लेकिन 2018 में पाकिस्तानी अदालत ने सबूतों की कमी का हवाला देते हुए सरफराज को बरी कर दिया था, लेकिन वर्षों तक भारत के लिए आतंक का पर्याय बने सरफराज का रविवार को उसी के देश में अंत कर दिया गया।