गंगा आरती को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकाॅर्ड्स में किया गया दर्ज, इस खास कारण से बढ़ी विश्व में पहचान
: 28 वर्षों से लगातार हो रही है परमार्थ निकेतन की गंगा आरती
: 30 मिनट की नॉनस्टॉप दैनिक मनमोहक आरती के रूप में किया गया है दर्ज
ऋषिकेश स्तिथ परमार्थ निकेतन गंगा घाट पर होने वाली गंगा आरती को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकाॅर्ड्स लंदन (यूके) में दर्ज किया गया है। वर्ष 1997 में शुरू की गई यह गंगा आरती 28 वर्षों से प्रतिदिन की जा रही है।
परमार्थ निकेतन आश्रम को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के अध्यक्ष और सीईओ संतोष शुक्ला द्वारा आरती के रिकॉर्ड में दर्ज होने की जानकारी दी गयी है। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में लिस्टिंग का प्रमाणपत्र स्वामी चिदानंद सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती को डब्लूबीआर के अधिकारी अभिषेक कौशिक और प्रिया शर्मा द्वारा दिया गया।
गंगा आरती को 30 मिनट की नॉनस्टॉप दैनिक मनमोहक आरती के रूप में सूचीबद्ध कर पुरस्कृत किया गया है।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने बताया कि वर्ष 1997 में शुरू की गई गंगा आरती 28 वर्षों से प्रतिदिन हो रही है। यह न केवल भारत बल्कि विश्व के मानचित्र पर एक उत्कृष्ट स्थान रखती है। मां गंगा की आरती राष्ट्र, भाषा और संस्कृतियों की सीमाओं को पार करते हुए सीधे दिल में उतरती है और उस आनंद को स्वर्ग तक ले जाती है। आरती यह संदेश देती है कि गंगा सिर्फ एक नदी नहीं है बल्कि मां है। घाट पर होने वाली गंगा आरती, गंगा की पूजा के साथ भावों को अर्पण करने का एक दैनिक अनुष्ठान है। इसमें मंत्रों का जाप, घंटियों की गूंज, दीपों की ऊर्जा, आस्थावानों की आस्था और भावनाशीलों के भावों का अद्भुत समन्वय है।