लोकसभा चुनाव: निर्वाचन आयोग ने 24 नेताओं के चुनाव लड़ने पर लगाई रोक, 2027 तक नहीं लड़ सकते चुनाव
: निर्वाचन आयोग ने रिटर्निंग ऑफिसर को भेजी नेताओं की सूची
: विधानसभा चुनाव में आयोग को नहीं दिया था खर्च का ब्योरा
चुनाव को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। निर्वाचन आयोग ने 24 नेताओं के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है। आयोग ने रिटर्निंग अधिकारियों को इसकी सूची भी भेज दी है। 2027 तक इन नेताओं के चुनाव लड़ने पर रोक लगी है।
चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को खर्च का ब्योरा न देना कुछ नेताओं को इतना महंगा पड़ा कि निर्वाचन आयोग ने उनके चुनाव लड़ने पर ही रोक लगा दी। चुनाव के दौरान प्रत्याशियों को
चुनावी खर्च का ब्योरा एक माह के भीतर चुनाव आयोग को देना होता है। लेकिन उत्तराखंड में पिछली बार हुए विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़े 24 प्रत्याशियों ने आयोग को खर्च का ब्योरा नहीं दिया। आयोग ने प्रत्याशियों को इस सम्बंध में कई नोटिस भी भेजे, लेकिन फिर भी प्रत्याशियों ने आयोग को खर्च का ब्योरा नहीं दिया। जिसके चलते भारत निर्वाचन आयोग ने इन नेताओं पर तीन साल के लिए चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिबंध के चलते ये नेता इस लोकसभा चुनाव में भी चुनाव नहीं लड़ सकते। आयोग ने इन नेताओं के चुनाव लड़ने पर 2027 तक रोक लगाई है। इन नेताओं की सूची भी आयोग ने सभी रिटर्निंग ऑफीसर को भेज दी है।
इन नेताओं पर लगाया है निर्वाचन आयोग ने प्रतिबंध
निर्वाचन आयोग ने सल्ट विधानसभा छेत्र के राकेश नाथ, भोले शंकर आर्य, ललित मोहन सिंह, जागेश्वर विधानसभा छेत्र के मनीष कुमार नेगी, हरिद्वार ग्रामीण के सज्जाद अली, पौड़ी के हरि कुमार, भगवानपुर के अमरीश कुमार, पिरान कलियन के शुभान, रानीपुर के अजय कुमार, इशांत कुमार, रुड़की के गुलबहार, गंगोलीहाट से रेखा, खानपुर से मनोरमा त्यागी, घनसाली के विजय प्रकाश, कोटद्वार की महिमा चौधरी और किच्छा से उबैद उल्लाह खान उर्फ नवाब रशीद खान, राजपुर से अमर सिंह स्वेडिया, रामू रजौरिया, जसपुर से नफीश अहमद, नानकमत्ता से विजय कुमार राणा, गंगोत्री से नवनीत उनियाल, विकासनगर से संदीप दुबे, झबरेड़ा से राजो सिंह, धर्मपुर से राजेंद्र प्रसाद गैरोला पर चुनाव लड़ने का प्रतिबंध लगा दिया है।