बड़ी खबर: गौलापार नहीं दूसरी जगह शिफ्ट होगा हाईकोर्ट, कोर्ट की शिफ्टिंग को लेकर आया बड़ा फैसला
उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) को नैनीताल (Nainital) से शिफ्ट करने के मामले में अब एक बड़ा फैसला आया है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर कोर्ट को गौलापार (Gaulapar) में शिफ्ट करने के फैसले को खारिज कर दिया है। अब हाईकोर्ट गौलापार नहीं बल्कि कहीं दूसरी जगह शिफ्ट (shift) होगा। लंबे समय से हाईकोर्ट को शिफ्ट करने की कवायद चल रही थी।
हाईकोर्ट के विस्तार, अधिवक्ताओं की बढ़ती संख्या और पर्यटन स्थल पर लगातार बढ़ते दबाव को देखते हुए हाईकोर्ट को शिफ्ट करने पर विचार हो रहा था। हाईकोर्ट को शिफ्ट करने के लिए गौलापार में 26.08 हेक्टेयर वन भूमि चिह्नित की गई थी। इस भूमि पर काॅन्सेप्ट ले-आउट प्लान बना कर भूमि हस्तांतरण का प्रस्ताव केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजा गया, लेकिन मंत्रालय की क्षेत्रीय अधिकार प्राप्त समिति (आरईसी) ने इस प्रस्ताव पर आपत्तियां लगा दीं।
इस दौरान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। बैठक में लोनिवि की ओर से बताया गया कि प्रोजेक्ट के संबंध में डिजिटल मैपिंग, जियो रिफरेंस मैप, परियोजना के मूल्य की गणना( एनपीवी) और क्षतिपूर्ति पौधरोपण के संबंध में कार्रवाई शुरू हो गई है। इसके बाद सचिव लोनिवि पंकज कुमार पांडेय की अध्यक्षता में पिछले दिनों एक अहम बैठक हुई। बैठक में तय हुआ कि पूर्व में चयनित भूमि 26.08 हेक्टेयर के स्थान पर अब 20.08 हेक्टेयर वन भूमि के हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए न्याय विभाग इसका शासनादेश जारी करेगा।
अब इस मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए गौलापार में कोर्ट की शिफ्टिंग को खारिज किया है। फैसले के आधार पर अब हाईकोर्ट कहीं और शिफ्ट होगा। इसके लिए राय मशवरा किया जाएगा। राय देने के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा। जिसमें अधिवक्ताओं और वादकारियों से राय मांगी गई है। समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर भी राय मांगी जाएगी। शहर और स्थान का चयन एक समिति करेगी। समिति को कोई ऐसा स्थान सुझाने को कहा गया है जहां 50 जजों के कोर्ट और आवास सहित 7000 अधिवक्ता चेंबर्स के साथ चिकित्सा और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध हो सकें।