नानकमत्ता मर्डर केस: बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड की साजिश रचने वाले चार गिरफ्तार, मुख्य हत्यारोपी पुलिस की पकड़ से बाहर, जानें क्यों हुई बाबा की हत्या? क्या है हत्या के पहले से गिरफ्तारी तक की कहानी…
: 10 लाख रुपये में हायर किये गए हत्यारे शूटर
: एक महीने पहले से रची जा रही थी बाबा की हत्या के साजिश
: साजिश में डेरा कार सेवा का सेवादार भी शामिल
रुदपुर : बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार किए गए चारों लोगों पर हत्या की साजिश रचने का आरोप है। मुख्य हत्यारोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। हत्यारोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने उन पर इनामी राशि बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी है।
28 मार्च की सुबह दो बाइक सवार लोगों ने कार सेवा डेरा प्रमुख नानकमत्ता, बाबा तरसेम सिंह की हत्या कर दी थी। डेरे के सेवादार की तरफ से दी गयी तहरीर पर पुलिस ने मुख्य आरोपी सर्वजीत सिंह निवासी ग्राम मियाविंड जिला तरन तारण पंजाब, और अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टा निवासी ग्राम सिहोरा बिलासपुर यूपी सहित पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
यूपी में दबिश के बाद हुई गिरफ्तारी
बाबा तरसेम सिंह की हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस कई प्रदेशों में दबिश दे रही थी। इसी दौरान सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस की मदद से पुलिस को हत्याकांड के यूपी से जुड़े कुछ सुराग मिले। इसके आधार पर बीते रविवार पुलिस ने यूपी के शाहजंहापुर और पीलीभीत में दबिश देकर शाहजंहापुर के निगोही थाना छेत्र से एक, बांडा थाना छेत्र से दो और पीलीभीत के बिलसंडा थाना छेत्र से एक संदिग्ध को हिरासत में लिया है। संदिग्धों से पूछताछ में पुलिस के हाथ महत्वपूर्ण साक्ष्य लगे जिसके आधार पर पुलिस ने हत्याकांड के आठवें दिन निगोही, शाहजहांपुर, यूपी निवासी दिलबाग सिंह, पीलीभीत निवासी अमनदीप सिंह उर्फ काला, तिलहर, शाहजहांपुर निवासी हरमिंदर उर्फ पिंदी और बाधे कंजा करेली, पीलीभीत निवासी बलकार सिंह को गिरफ्तार कर लिया। चारों आरोपियों पर हत्यारों की मदद करने और हत्या का षड्यंत्र रचने का आरोप है।
साजिश में डेरा कार सेवा का सेवादार भी शामिल
मामले का खुलाशा करते हुए एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि हत्या की साजिश रचने में डेरा कार सेवा का एक सेवादार भी शामिल था। जिसे हत्यारोपियों ने मोटी रकम देकर अपनी साजिश में शामिल किया था। मुख्य हत्यारोपी सर्वजीत और अमरजीत ने गुरुद्वारे के सेवादार अमनदीप सिंह उर्फ काला को बाबा तरसेम की जानकारी देने के काम पर लगाया था। 28 मार्च को काला ने ही हत्यारोपियों को बाबा तरसेम की लोकेशन दी। जिस पर हत्यारोपियों ने उनकी हत्या कर दी।
19 मार्च से गुरुद्वारे की सराय में रुके थे हत्यारे
बाबा तरसेम सिंह की हत्या के बाद सीसीटीवी फुटेज से हत्यारों के चेहरे सामने आने पर पुलिस ने छानबीन की थी। जिस पर पुलिस को मुख्य हत्यारोपी सर्वजीत और अमरजीत के 19 मार्च से नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब की सराय में कमरा किराए पर लेकर रहने के साक्ष्य मिले थे। दोनों हत्यारे गुरुद्वारे के सराय के कमरा नम्बर 23 में रुके थे। कमरा किराए पर लेने के लिए सर्वजीत ने अपनी आईडी भी जमा की थी।
9 दिन तक यूपी और उत्तराखंड में घूमते रहे शूटर
बाबा तरसेम सिंह की हत्या 28 मार्च की सुबह की गई। जिसके लिए हत्यारोपी 19 मार्च को गुरुद्वारा सराय में पहुंचे और यहां कमरा लिया। 19 मार्च से 27 मार्च तक हत्यारोपी रामपुर, बाजपुर, किच्छा, बरेली, शाहजंहापुर और उत्तराखंड में कई जगह पर घूमते रहे। हत्यारोपियों की कॉल डिटेल से पुलिस को इसके साक्ष्य मिले हैं।
शाहजंहापुर के तिलहर से खरीदे थे मोबाइल फोन, सिम कार्ड
एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि हत्यारोपियों ने इस घटना के लिए नए मोबाइल फोन और सिम कार्ड खरीदे। 14 मार्च को कस्बा तिलहर, थाना तिलहर, जिला शाहजंहापुर यूपी से फोन और सिम कार्ड खरीदे गए। और इन्ही नए नम्बरों से मुख्य हत्यारोपी सर्वजीत, अमरजीत, दिलबाग सिंह, बलकार सिंह, सतनाम सिंह, परगट सिंह और हरविंदर सिंह के सम्पर्क में रहे।
एक महीने पहले से रची जा रही थी बाबा की हत्या के साजिश
पुलिस जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि बाबा तरसेम सिंह की हत्या वर्चस्व की लड़ाई में की गयी। दरसल कुछ लोग गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब सहित डेरा कार सेवा और तराई छेत्र के अन्य महत्वपूर्ण डेरौ का प्रबंध अपने हाथ में लेना चाहते थे। जिसके लिए बाबा तरसेम की हत्या की साजिश रची गयी। साजिश का चक्रव्यूह रचने के लिए दिलबाग सिंह, बलकार सिंह, सतनाम सिंह, परगट सिंह और हरविंदर सिंह फरवरी 2024 से ही हत्यारोपी सर्वजीत और अमरजीत के सम्पर्क में थे।
10 लाख रुपये में हायर किये गए हत्यारे शूटर
बाबा तरसेम सिंह की हत्या के लिए शूटर सर्वजीत सिंह और अमरजीत सिंह को 10 लाख रुपये में हायर किया गया। घटना से पहले हत्यारोपियों को एक लाख 60 हजार रुपये एडवांस में दिए गए। हत्या करने के बाद पांच लाख रुपये की रकम दी गयी। साथ ही बाइक और असलहे भी उपलब्ध कराए गए।
हरबंस सिंह चुघ पर बाबा ने लगाए थे कई आरोप
बाबा तरसेम सिंह की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुए कुछ पोस्ट ने भी खूब सनसनी मचाई थी। जिसमें से एक फेसबुक पोस्ट वह भी है जो बाबा तरसेम सिंह ने 16 फरवरी को अपनी वॉल पर अपलोड किया था। इस पोस्ट में बाबा तरसेम सिंह ने गुरुद्वारा कमेटी नानकमत्ता साहिब के अध्यक्ष हरबंस सिंह चुघ पर कई आरोप लगाए थे और अपनी जान माल को हरबंस सिंह चुघ से खतरा बताया था। बाबा तरसेम सिंह के लिखे इसे पोस्ट से स्पष्ट था कि उनके और गुरुद्वारा नानकमत्ता कमेटी के अध्यक्ष के बीच पुराना विवाद चला आ रहा था और ये विवाद इतना बढ़ चुका था कि तरसेम सिंह को अपनी जान का खतरा तक महसूस होने लगा था। यही वजह है कि उन्होंने अपनी पोस्ट में ना सिर्फ हरबंस सिंह चुघ के साथ चल रहे विवाद का जिक्र किया था, बल्कि ये भी लिखा था कि अगर उनकी कार सेवा संस्था या फिर उन्हें कोई नुकसान होता है, तो इसकी जिम्मेदारी हरबंस सिंह चुघ और उनके समर्थकों की ही होगी।
सर्वजीत की पोस्ट ने भी मचाई थी खलबली
बाबा तरसेम सिंह की हत्या के कुछ दिन बाद मुख्य आरोपी सर्वजीत सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर हत्या की जिम्मेदारी ली थी। इसके बाद सर्वजीत ने एक और पोस्ट सोशल मीडिया पर डाली थी। जिसमें सर्वजीत ने ढाका, बांग्लादेश पहुंचने की बात कही थी। साथ ही यह भी कहा था कि हम सही समय आने पर खुद को अकाल तख्त साहिब में पेश कर देंगे। पोस्ट की लोकेशन भी ढाका, बांग्लादेश की बताई जा रही थी।
गुरुद्वारा साहिब की संपत्ति को खुर्दबुर्द करने से रोकते थे बाबा
पुलिस को तहरीर सौंपने वाले जसवीर ने बताया था कि बाबा तरसेम सिंह गुरुद्वारा साहिब की संपत्ति को खुर्दबुर्द करने से रोकते थे। इस कारण तराई महासभा के उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह संधु निवासी खेमपुर गदरपुर, गुरुद्वारा प्रबधंक कमेटी के पदाधिकारी व अन्य लोगों की भूमिका भी संदिग्ध है। पांच दिन पूर्व बिलहरा थाना अमरिया निवासी फतेहजीत सिंह खालसा ने फेसबुक पर एक पोस्ट प्रसारित की थी। ऐसे में उस पर भी डेरा प्रमुख की हत्या में शामिल होने का संदेह था।