NH 74 Scam: ईडी ने तीन आरोपियों और एक फर्म के खिलाफ दाखिल की चार्जसीट, फर्जी तरीके से लिया था करोड़ों का मुवावजा, ईडी ने अटैच की थी संपत्ति…
बहुचर्चित एनएच 74 भूमि मुवावजा घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तीन लोगों और एक फर्म के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। इनकी करोड़ों की संपत्ति अटैच करने के बाद ईडी ने इनके खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज कराई थी। स्पेशल ईडी कोर्ट ने संज्ञान लेकर ट्रायल के लिए 13 मई की तिथि नियत की है।
2015 में एनएच-74 का निर्माण शुरू हुआ था। 2017 में कुमाऊं के तत्कालीन आयुक्त ने एनएच-74 निर्माण में घोटाले की आशंका जताकर आठ मार्च को शासन को रिपोर्ट भेजी थी। 17 मार्च को तत्कालीन एडीएम प्रताप सिंह साह की तहरीर पर सिडकुल चौकी में एनएच घोटाले में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद शासन के आदेश पर घोटाले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया।
एसआईटी जांच में खुलासा हुआ कि रुद्रपुर, गदरपुर, बाजपुर और काशीपुर में जमीनों की बैक डेट में 143 कराकर किसानों को कई गुना मुआवजा दिया गया था। 25 मार्च को शासन के आदेश पर छह पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर सीबीआई जांच की संस्तुति की गयी। दो आईएस अधिकारियों को भी शासन ने निलंबित किया था। कई अधिकारी जेल भी भेजे गए।
मनी लांड्रिंग की आशंका पर ईडी ने अप्रैल 2018 में रुद्रपुर में छापा मारा और कई दस्तावेज जब्त किए। जिला प्रशासन से एनएच घोटाले से जुड़े दस्तावेज भी मांगे। इसके बाद ईडी ने घोटाले से जुड़े आरोपी अधिकारियों, दलालों और कर्मियों की देहरादून, ऊधमसिंह नगर और यूपी में स्तिथ संपत्तियां अटैच कर दी। अटैच की गई संपत्ति की कीमत करीब 21.96 करोड़ रुपये थी। ईडी की ओर से अटैच की गई संपत्ति में इंडस्ट्रियल, कॉमर्शियल प्लॉट, बिल्डिंग, बैंकों में जमा नकदी, म्यूचुअल फंड शामिल थे।
उधमसिंह नगर के काशीपुर स्तिथ गिन्नीखेड़ा निवासी विक्रमजीत सिंह, मंदीप सिंह, मंदीप सिंह की फर्म टेरा टेरा सीड्स और राजपुर रोड, देहरादून निवासी दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ मनी लांड्रिंग के तहत कार्यवाई कर इनकी संपत्ति भी ईडी द्वारा अटैच की गयी थी।
ईडी ने विक्रमजीत सिंह की 12 लाख रुपये की अचल संपत्ति, टेरा टेरा सीड्स की 2.11 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और टेरा टेरा सीड्स के खाते में जमा 22.87 लाख रुपये की राशि अटैच की थी। अब इनके खिलाफ कोर्ट में चार्जसीट दाखिल की गई है।